रास्ते में सामाजिक संगठन खाद्य सामग्री और शरबत पिलाकर पहुंचा रहे हैं कुछ राहत
मुख्यमंत्री के सख्त निर्देश सभी श्रमिकों को बस व ट्रेन से पहुंचाए उनके जनपद
राशन की ना आए कोई कमी, हो सभी की जांच
अपर मुख्य सचिव अविनाश अवस्थी और सूचना निदेशक शिशिर द्वारा सरकार की नीतियों की लगातार आमजन को दी जा रही है जानकारी
लखनऊ मुजफ्फरनगर जानसठ (बार और बेंच ब्यूरो) 15 मई। कोरोनावायरस से देश को बचाने के लिए जहां सरकार द्वारा सभी एहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं और लॉक डाउनलोड के दौरान जो जहां है उसे वहीं पर रहने का आग्रह लगातार किया गया लेकिन फिर भी प्रवासी श्रमिकों का पलायन जारी रहा। उसके बाद प्रदेश सरकार ने श्रमिकों को उनके घर तक पहुंचाने के प्रबंध किए। बसों की व्यवस्था की ।राशन की व्यवस्था की ।कवारंटीन सेंटर बनाएं। बावजूद इसमे कहीं ना कहीं बहुत सी चूक देखी जा रही है, और प्रवासी मजदूरों का पलायन लगातार जारी है। जहां अब जिला प्रशासन ,प्रदेश सरकार के कड़े निर्देशों के बाद प्रवासी श्रमिकों का पता लगा रहा है। पलायन कर रहे हैं प्रवासी मजदूरों को उनके उचित स्थान तक पहुंचाने में मददगार साबित हो रहा है वही सामाजिक संगठन और आमजन भी इन प्रवासी मजदूरों की सेवा करने से पीछे नहीं हट रहे हैं, और जब भी उन्हें किसी बसों से जाते हुए श्रमिक नजर आते हैं या पैदल पलायन कर रहे श्रमिक नजर आते हैं तो जगह जगह इन श्रमिकों को कुछ ना कुछ खाद्य सामग्री या खाने पीने की चीजें देकर कुछ राहत अवश्य दिये जाने का सिलसिला जारी है ।
इसी क्रम में आज जानसठ के तालडा मोड़ पर विपिन सरिया सीमेंट वालों ने तपती दोपहरी और भयंकर गर्मी से बचाव के लिए यहां से गुजर रहे श्रमिकों को शरबत पिलाकर कुछ राहत प्रदान की। सोशल डिसटेसिंग का ख्याल रखते हुएऔर डिस्पोजल गिलास में श्रमिकों को शरबत पिलाकर उनकी प्यास बुझाने का कार्य किया गया जिसकी प्रशंसा सुनी गई।
वही कुछ स्थानों पर फल और खाद्य सामग्री देकर आमजन ने इन श्रमिकों को कुछ राहत दी लेकिन फिर भी श्रमिकों का दर्द सबसे जुदा है , यद्यपि सरकार द्वारा उन्हें भरपूर राहत दिलाने की भरसक प्रयास किए हैं ,लेकिन फिर भी अपने वतन ,अपनी सरजमीं में पहुंचने की चाहत, उन्हें लगातार सैकड़ों किलोमीटर पैदल चलने पर भी मजबूर कर रही है ,जो सिलसिला जारी है। यद्यपि जनपद मुजफ्फरनगर में विगत दिवस ह्रदय विदारक घटना घटित हुई ।दुर्घटना में छह श्रमिकों की मौत हुई ,जिस पर पूरा प्रदेश कांप उठा ,लेकिन गर्मी ,तपती दोपहरी और जान की परवाह किए बिना दूर राज्य और जिलों से श्रमिकों का पलायन अभी भी लगातार बना हुआ है। उधर जिला प्रशासन ने श्रमिकों को पहुंचाने के लिए विशेष प्रबंध किए ।
उप जिलाधिकारी आईएएस ऑफिसर कुलदीप मीणा ने कई बसों के माध्यम से ऐसे प्रवासी मजदूरों को उनके जिलों तक पहुंचाने का कार्य किया जहां उन्हें जाना है। उन्हें खाद्य सामग्री भी दी और जगह-जगह चेकअप किए गए।
इससे पूर्व उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने टीम 11 की बैठक के साथ अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि कोई भी प्रवासी मजदूर सड़क पर पैदल ना चलने पाए उन्हें बसों के माध्यम से उनके घर तक छुड़वाया जाए। कोई भूखा ना रहे सभी श्रमिकों को राशन मुहैया कराया जाए। इस बाबत अपर मुख्य सचिव अविनाश अवस्थी ने मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए निर्देशों को मीडिया से साझा किया और प्रवासी मजदूरों को पहुंचाने के लिए दूसरे राज्यों से ट्रेन व बसो की जो व्यवस्था है उसका विस्तृत ब्यौरा दिया।,उन्होंने बताया कि प्रवासी कामगारों एवं श्रमिकों को उनके गृह जनपद भेजे जाने के लिए यूपी परिवहन विभाग की 9,267 बसें तथा परिवहन विभाग की अनुबंधित 2,697 बसों को मिलाकर कुल 11,964 बसें लगाई गई हैं। इसकेे अलावा प्रदेश में वापस आने के इच्छुक लोग अपने अनुरोध के क्रम में वहां के स्थानीय प्रशासन से सम्पर्क कर उत्तर प्रदेश में वापस आ सकते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि दक्षिण के राज्यों से भी उत्तर प्रदेश के लिए ट्रेनों का संचालन शुरू कर दिया गया है। विभिन्न प्रदेशों से लगभग 90 हजार से 01 लाख लोगों को प्रदेश में प्रतिदिन लाया जा रहा है। इसके अलावा सरकार की योजनाओं ,नीतियों और व्यवस्थाओं की विस्तृत जानकारी प्रदेश के सूचना निदेशक श्री शिशिर द्वारा भी लगातार दी जा रही है, जिससे आमजन को किसी भी प्रकार गुमराह होने की जरूरत ना पड़े ।किस प्रकार कैसी व्यवस्थाएं की गई हैं? इसकी पल-पल की अपडेट सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के निदेशक शिशिर द्वारा लगातार प्रतिदिन दी जा रही है।